मुंबई (Mumbai) के स्टार बल्लेबाज सरफ़राज़ खान (Sarfaraz Khan) घरेलू क्रिकेट में धमाल मचा रहे हैं. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने दिल्ली (Delhi) के खिलाफ अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy 2022-23) के मैच में शानदार शतक जड़ा. उन्होंने 155 गेंदों का सामना करते हुए 125 रन बनाए थे. सरफराज का मौजूदा संस्करण में यह तीसरा शतक है. 25 साल के सरफराज प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 13 शतक ठोंक चुके हैं. इतना बेहतरीन रिकॉर्ड होने के बावजूद भी उन्हें अभी तक राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिल पाई है.
हद तो तब हो गई, जब सरफराज खान को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अगले महीने से खेली जाने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के शुरुआती दो टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं दी गई. इसके बाद से सेलेक्टर्स की कड़ी आलोचना हो रही है.
बहरहाल, सरफराज खान को अगर भारतीय टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिलता है, तो वह पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की भूमिका निभा सकते हैं. अब हम उन बिन्दुओं पर नजर डालेंगे, जिसके चलते सरफराज खान भारतीय टीम में विरेंद्र सहवाग वाली भूमिका निभा सकते हैं. देखिए
सहवाग की तरह छक्के जड़ने की है शैली
सरफराज खान ने साल 2020 में फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अपना दूसरा शतक उत्तर प्रदेश के खिलाफ बल्लेबाजी करते हुए पूरा किया था. इस दौरान उन्होंने 300 रन की पारी खेली थी. सरफराज ने सहवाग स्टाइल में छक्का लगाकर अपनी ट्रिपल सेंचुरी पूरी की थी. दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 294 रन से सीधा छक्का लगाया और अपने स्कोर को 300 में बदल दिया. अक्सर भारतीय टीम के पूर्व विस्फोटक ओपनर वीरेंद्र सहवाग को देखा जाता था कि वे 200-300 रन अक्सर छक्के के साथ पूरा किया करते थे. हालांकि, अगर सरफराज की बात करें, तो उन्होंने ढाई सौ रन का स्कोर भी छक्का जड़कर पूरा किया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वीरेंद्र सहवाग ने साल 2004 में मुल्तान में पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में 309 रनों की पारी खेली थी. इस दौरान वीरू ने 295 रन से छक्का जड़कर अपने व्यक्तिगत स्कोर को 300 में तब्दील किया था. इस लिहाज से सरफराज में भी सहवाग की तरह छक्का जड़ने की काबिलियत है.
करते हैं बैखौफ बल्लेबाजी
सरफराज खान अपने विकेट की परवाह ना करते हुए क्रीज पर डट कर अपनी टीम के लिए बेखौफ शॉट खेलते हैं और बड़े-बड़े स्कोर बनाते हैं. उनमें शतक बनाने की एक अलग ही भूख है. प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 37 मुकाबलों में तिहरा शतक और 9 अर्धशतक इसका सबसे बड़ा सबूत हैं. यह दर्शाता है कि उनको अगर पाले में गेंद मिलेगी, तो वह विकेट की परवाह नहीं करेंगे, फिर चाहे वह किसी भी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे हों.
प्रथम श्रेणी में किया है शानदार प्रदर्शन
सरफराज खान ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अभी तक बेहद शानदार प्रदर्शन किया है. उन्होंने अरुण जेटली स्टेडियम में दिल्ली के खिलाफ मुकाबले से पहले तक 36 मैचों की 52 पारियों में 80.47 की औसत से 3380 रन बटोरे थे. इस दौरान उनका उच्चतम व्यक्तिगत स्कोर 301 रन नाबाद रहा. दाएं हाथ के बैटर ने 12 शतक और 9 अर्धशतक लगाए थे. हालांकि, उन्होंने मंगलवार को फर्स्ट क्लास में एक और शतक लगाया, तो उनके शतकों की संख्या अब 12 से 13 हो चुकी है. सरफराज ने रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन में 982 रन बनाए थे. इस दौरान उनका औसत 120 से ऊपर का रहा था. उन्होंने चार शतक और दो शतक लगाए थे. इतना ही नहीं, रणजी ट्रॉफी के मौजूदा संस्करण में वे अभी तक तीन शतक लगा चुके हैं और उनका बल्लेबाजी औसत 100 से भी ऊपर रहा है. इस दौरान सरफराज ने 500 से ऊपर रन बटोरे हैं.
प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार औसत से बनाए हैं रन
सरफराज खान ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में लगभग 81 की औसत से रन बनाए हैं. सरफराज फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सर्वाधिक एवरेज के मामले में दूसरे नंबर पर हैं. इस लिस्ट में सबसे पहला नाम ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सर डॉन ब्रैडमैन का है, जिन्होंने 234 मुकाबलों की 338 पारियों में 95.14 के औसत से 28067 रन बनाए हैं. वहीं, सरफराज इस मामले में अन्य बल्लेबाजों से काफी आगे हैं. यह दर्शाता है कि सरफराज खान किस स्तर के बल्लेबाज हैं और उनमें रन बनाने की कितनी भूख है.
टीम में निभा सकते हैं नियमित सलामी बल्लेबाज की भूमिका
स्टार बल्लेबाज सरफराज खान भारत की टेस्ट टीम में एक नियमित सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभा सकते हैं. लगभग पिछले 7 से 8 वर्षों में भारत ने कई ओपनिंग के विकल्प आजमाए हैं, जिनमें शिखर धवन, केएल राहुल, मुरली विजय, मयंक अग्रवाल, रोहित शर्मा, पार्थिव पटेल, पृथ्वी शॉ, गौतम गंभीर, हनुमा विहारी, शुभमान गिल, अभिनव मुकुंद और यहां तक कि तीसरे नंबर पर खेलने वाले चेतेश्वर पुजारा को भी पारी का आगाज करने के लिए भेजा गया है. यूं तो मौजूदा समय में टेस्ट क्रिकेट में भारतीय पारी की शुरुआत केएल राहुल और शुभमन गिल कर रहे हैं, लेकिन उनकी यह जोड़ी अभी तक बड़ा प्रभाव नहीं छोड़ पाई है. ऐसे में सरफराज खान सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभा सकते हैं, क्योंकि उनमें वीरेंद्र सहवाग की तरह तेज पारियां खेलने की काबिलियत है. वह बेखौफ शॉट खेलते हैं. इस हिसाब से सरफराज खान के रूप में टीम इंडिया को एक स्थापित सलामी बल्लेबाज मिल सकता है. उनका रिकॉर्ड देखते हुए और प्रथम श्रेणी में उनका रिकॉर्ड देखते हुए यह समस्या अगले 4 से 5 साल तक खत्म हो सकती है.
सरफराज खान के प्रथम श्रेणी क्रिकेट के इस रिकॉर्ड को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह मिलती है, तो वे सहवाग की तरह तेज गति से और बड़ी-बड़ी पारियां खेलकर अपनी टीम की जीत में अहम भूमिका निभा सकते हैं. सरफराज खान भारतीय टीम के लिए एक अगले कई वर्षों तक एक स्थापित सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभा सकते हैं.
वीडियो – सरफराज के चक्कर में बुरा फंसा BCCI
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