बांग्लादेश (Bangladesh) के विरुद्ध मीरपुर टेस्ट के दौरान रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने टेस्ट क्रिकेट में 3000 रन पूरे किए, 400 विकेट की गिनती को वे पहले ही छू चुके थे। इस तरह से अश्विन ने 3000 रन और 400 विकेट का डबल बना दिया। ये अश्विन का 88 वां टेस्ट था और इसी से ये बात सामने आई कि वे तो इस गजब के ऑलराउंडर डबल को बनाने वालों में से सबसे तेज में एक हैं। मजे की बात ये है कि टेस्ट करियर की इन आकर्षक गिनती के बावजूद अश्विन को ऑलराउंडर कहने में कंजूसी हो जाती है। इस डबल के लिए खेले टेस्ट की गिनती के आधार पर टॉप 5 ये हैं:
रिचर्ड हैडली: न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर, 86 टेस्ट करियर में 431 विकेट (एक समय विश्व रिकॉर्ड था), 22.29 के औसत के साथ 400 विकेट लेने वाले पहले गेंदबाज, 27.16 औसत पर 3124 रन बनाए, जिसमें दो शतक और 15 अर्धशतक। इस रिकॉर्ड में 3000 रन और 400 विकेट पूरे किए थे अपने 83वें टेस्ट में।
हैडली को अपने समय के बेहतरीन तेज गेंदबाजों में से एक गिना गया और लगभग साथ-साथ खेले चार टॉप ऑलराउंडरों में से एक, पर ये भी सच है कि बाकी तीनों यानि कि इमरान खान, कपिल देव और इयान बॉथम की तुलना में हैडली के नाम सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी औसत था, लेकिन साथ-साथ सबसे कम बल्लेबाजी औसत।
रविचंद्रन अश्विन: भारतीय स्पिनर को भी गेंदबाजी के लिए ज्यादा मशहूरी मिली और साथ में सिर्फ औपचारिकता के लिए बैट के साथ पिच पर जाने वालों में एक नहीं हैं। मीरपुर टेस्ट की पहली पारी तक 88 टेस्ट की 125 पारी में 3001 रन 27.03 औसत से और 449 विकेट 24.30 औसत से। वे पारी की गिनती के मामले में टेस्ट क्रिकेट में 100, 150, 200, 250, 300, 350 और 400 विकेट लेने वाले सबसे तेज गेंदबाज में से एक हैं।
टेस्ट क्रिकेट में निचले मध्यक्रम के बल्लेबाज हैं और उनके नाम 124 टॉप स्कोर के साथ 5 टेस्ट शतक होने के बावजूद उन्हें ‘एक बेहतर बल्लेबाज’ मानने में कंजूसी हो जाती है। मीरपुर 88 वां टेस्ट और इसी में 3000 रन और 400 विकेट का डबल बना।
शॉन पोलॉक: दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेटर, जो तीनों तरह की क्रिकेट में कप्तान भी थे। उन्हें टॉप तेज गेंदबाजों और ऑलराउंडरों में से एक माना जाता है। एलन डोनाल्ड के साथ मिलकर कई सालों तक गेंदबाजी को संभाला। कुल रिकॉर्ड 108 टेस्ट में 3781 रन और 481 विकेट, इससे में 103 टेस्ट में 3000 रन और 400 विकेट का डबल बनाया था। उन्हें 2003 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर चुना गया था। दो शतक बनाए थे।
कपिल देव: भारत के क्रिकेटर, जो एक तेज-मध्यम गेंदबाज और कड़ी मेहनत करने वाले मध्य क्रम के बल्लेबाज थे, टीम के लिए कैसा खेले उसका सबूत ये है कि उन्हें 2002 में विजडन द्वारा सदी का सबसे बेहतर भारतीय क्रिकेटर चुना गया।
1994 में टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने का विश्व रिकॉर्ड अपने नाम करने के बाद संन्यास ले लिया, बाद में 2000 में कर्टनी वॉल्श ने तोड़ा उनका रिकॉर्ड। वह क्रिकेट के इतिहास में एकमात्र खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 400 से ज्यादा विकेट लिए (434 विकेट) और 5000 से ज्यादा रन बनाए (5248), जिससे वह क्रिकेट के इतिहास में सबसे महान ऑलराउंडरों में से एक बन गए। कुल 131 टेस्ट और इससे में 115 टेस्ट में 3000 रन और 400 विकेट का डबल बनाया था।
स्टुअर्ट ब्रॉड: जब टखने की चोट के बाद फ्लिंटॉफ बाहर हुए तो इंग्लैंड को उनकी जगह लेने के लिए एक नए ‘ऑलराउंडर’ की तलाश थी। स्टुअर्ट ब्रॉड को तब एकदम मौका मिला और वे चमक गए। समय के साथ बैट के साथ प्रदर्शन गिरा पर एक समय तो उनके बैट से उपयोगी रन गारंटी मानते थे। इसका सबूत ये भी है और आम तौर पर ये बात चर्चा में नहीं आती कि अपने पिता की तरह एक सलामी बल्लेबाज के रूप में उन्होंने शुरुआत की थी। कुल 159 टेस्ट में 3550 रन और 566 विकेट- इससे में 121 टेस्ट में 3000 रन और 400 विकेट का डबल बनाया था।