आसार तो नजर आ ही रहे थे, क्योंकि अब फोकस सीधे विश्व कप 2023 पर है और नतीजा ये कि शिखर धवन (Shikhar Dhawan) को वनडे के लिए टीम इंडिया से बाहर कर दिया है। भारत (India) के आधुनिक दौर के सबसे बेहतर वनडे खिलाड़ियों में से एक, धवन की वापसी की बात कम से कम हाल फिलहाल तो कोई नहीं कर रहा और इसीलिए ये नतीजा निकालना गलत नहीं होगा कि शायद भारतीय टीम के लिए शिखर धवन ने अपना आखिरी मैच खेल लिया है, भले ही वे खुद अभी करियर पर आख़िरी लाइन नहीं खींच रहे।
रिकॉर्ड कमाल का है- वनडे फॉर्मेट में 167 मैचों में 44.11 की औसत से 6793 रन 17 शतक और 39 अर्धशतक से और ख़ास तौर पर आईसीसी टूर्नामेंटों में क्लच खिलाड़ी। फिर भी ‘एक्सपायरी डेट’ आती ही है पर वे कौन सी वजह हैं जिससे ये नौबत आई?
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हाल की नाकामयाबी : धवन हाल ही में बांग्लादेश में ओडीआई सीरीज में खेले और अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हार ने माहौल और खराब कर दिया। इस सीरीज में धवन ने 7, 8 और 3 रन का स्कोर बनाया। इसी साल यही धवन न्यूजीलैंड में टीम के कप्तान थे लेकिन लगातार न बड़ा स्कोर और न ख़ास रन रेट उनके खिलाफ चला गया।
2022 में- मैच: 22, रन : 688, उच्चतम स्कोर: 97, स्ट्राइक-रेट: 74.21, 79 चौके, 7 छक्के, 6 स्कोर 50 के और 100 एक भी नहीं। अपने पिछले 10 वनडे मैचों में, धवन ने 3, 8, 7, 28, 3, 72, 8, 13, 4 और 40 के स्कोर दर्ज किए। इस तरह शिखर धवन के लिए अभी तो वनडे क्रिकेट के दरवाजे लगभग बंद हो चुके हैं।
चुनौती ईशान किशन और अन्य दूसरों की : इससे पहले,भी कह रहे थे कि अगर भारत को वनडे में प्रदर्शन बेहतर करना है तो धवन को टीम से बाहर करना होगा। ईशान किशन के बांग्लादेश में 200 ने आखिरी झटका दे दिया। इससे भी ख़ास बात ये कि उनमें नई ताजगी/अप्रोच नजर आई और सेलेक्टर्स को सोचने पर मजबूर कर दिया। आख़िरी 10 ओवर शुरू होने से पहले अपने 200 तक पहुंचने वाले पहले बल्लेबाज और आज इसी तरह की तेजी चाहिए। दूसरी तरफ धवन 60 के डॉट बॉल प्रतिशत के साथ खेले हैं इस साल और पावरप्ले ओवर 1-10 में औसत सिर्फ 32.9 रहा। शुभमन गिल भी लाइन में हैं, वे या किशन, रोहित शर्मा को अपना आक्रामक खेल खेलने में मदद करेंगे।
सेलेक्टर्स पर भी बदलाव का दबाव था : साफ़ नजर आ रहा है कि लगातार खराब खेल से सेलेक्टर्स पर भी दबाव बन रहा था कि अपनी अप्रोच बदलें। ऋषभ पंत और धवन को हटाकर यही दिखाया। केएल राहुल के होने के बावजूद हार्दिक पांड्या को उप कप्तान बनाया। सोचा जा रहा था कि धवन को श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ जनवरी में कम से कम 6 और वनडे खेलने देंगे और तब फैसला करेंगे, आखिरकार उन्होंने 167 वनडे खेले हैं और रन-गेटर्स में सिर्फ रोहित (9454) और विराट कोहली (12471) से पीछे पर सेलेक्टर्स ने और इंतजार को जरूरी नहीं समझा।
टीम मैनेजमेंट ने टी20 सीरीज में पहले ही दिखा दिया था कि अब उन युवा खिलाड़ियों को मौका देना चाह रहे हैं जिन्होंने हाल के दिनों में घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन किया है।
धवन की अप्रोच पर सवाल था : इंग्लैंड ने दिखाया है कि समय के साथ वनडे में भी अप्रोच बदलने की जरूरत है और इसके उलट धवन डॉट गेंद लिए जा रहे थे। इस साल वनडे में उनके डॉट बॉल प्रतिशत 60 को कौन माफ करेगा?
2022 में औसत और स्ट्राइक रेट- 2013 के बाद से किसी भी साल के लिए उनका सबसे खराब रिकॉर्ड है। दूसरी तरफ धवन को हटाने पर विकल्प सामने था, ईशान किशन ने 131 गेंदों में 210 रनों की तूफानी पारी खेली और सब सोच बदल गई। ईशान किशन- 24 चौके और 10 छक्के तथा इस दौरान स्ट्राइक रेट 160.31 रहा। ईशान किशन ठीक उसी तरह के विस्फोटक सलामी बल्लेबाज हैं जिनकी टीम इंडिया को 2023 वनडे विश्व कप के लिए जरूरत है।
धवन कोई ख़ास एक्टिव भी तो नहीं : एक बात और, आईपीएल और भारत के लिए वनडे के अतिरिक्त वे घरेलू सर्किट में भी क्रिकेट नहीं खेल रहे- पिछले कई साल से कोई फर्स्ट क्लास मैच नहीं खेला है। बांग्लादेश के विरुद्ध खराब प्रदर्शन के बाद अब किस फार्म पर ये कहते कि वे फॉर्म में हैं यानि कि जनवरी के बीच में, एक महीने तक बिना किसी मैच प्रेक्टिस वनडे खेलते। सूर्य मुंबई के लिए रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं, क्योंकि वह टीम में रहना चाहते हैं पर शिखर ने तो ये भी नहीं किया।
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