न्यूजीलैंड में वनडे इंटरनेशनल सीरीज में भारत ने पहले दोनों मैच जीते तो दोनों जीत में एक समानता थी। अपनी बेहतरीन स्पिन से दुनिया भर के बल्लेबाजों को चकमा देने वाले युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ने मिलकर 6-6 विकेट लिए। न्यूजीलैंड की पिचों पर स्पिनरों का ऐसी गेंदबाजी करना न सिर्फ एक आश्चर्य है – आने वाले दिनों के विश्व कप के लिए भारत की चेतावनी भी। भारत सिर्फ बेहतरीन बल्लेबाजों या तेज गेंदबाजों की टीम नहीं है। भारत के पास वनडे इंटरनेशनल में स्पिनरों की एक कामयाब जोड़ी भी है।
क्रिकेट में यह बड़ी पुरानी कहावत है कि गेंदबाज जोड़ी के तौर पर कामयाब रहते हैं। हरभजन सिंह ने जो गेंदबाजी अनिल कुंबले के साथ की – जोड़ी टूटने के बाद नहीं। वेस्टइंडीज में पहले टेस्ट के लिए इंग्लैंड ने तेज गेंदबाजों जिमी एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड की जोड़ी को तोड़ा – तेज पिच के बावजूद एंडरसन अकेले वह काम नहीं कर पाए जिसकी उनसे उम्मीद थी। युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव जोड़ी के तौर पर किसी भी बल्लेबाज को राहत नहीं लेने देते।
चहल ने वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट खेलना शुरू किया, 11 जून 2016 से तथा कुलदीप ने 23 जून 2017 से शुरू किया। लगभग एक साल की देरी रही पर न्यूजीलैंड में दूसरे वनडे तक दोनों बराबर 37 मैच खेले थे – चहल ने 66 और कुलदीप ने 77 विकेट लिए। चहल के वनडे में आने के बाद से एक वनडे में दो स्पिनरों की जोड़ी के 6 विकेट का रिकॉर्ड देखें तो ये रिकॉर्ड 60 बार बन चुका है – इसमें से 13 बार भारत की किसी स्पिन जोड़ी ने यह रिकॉर्ड बनाया और इसमें से भी 7 बार युजवेंद्र-कुलदीप जोड़ी ने। 13 में से सिर्फ 2 अवसर ऐसे हैं जब जोड़ी में एक नाम युजवेंद्र और कुलदीप में से किसी का भी नहीं है (2016-17 में विशाखापट्टनम में अक्षर पटेल-अमित मिश्रा और इसी मैच में जयंत यादव-अमित मिश्रा)।
न्यूजीलैंड में माउंट मनगुनई के दूसरे वनडे के दौरान जब युजवेंद्र और कुलदीप ने मिलकर 6 विकेट लिए तो एक नया रिकॉर्ड बना जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। युजवेंद्र चहल के वनडे में आने के बाद से भारत के दो गेंदबाजों (इसमें तेज गेंदबाज शामिल हैं) की जोड़ी के सबसे ज्यादा विकेट का रिकॉर्ड अब युजवेंद्र-कुलदीप जोड़ी के नाम हैं – 24 पारी में 22.44 औसत से 43 विकेट। भुवनेश्वर-कुलदीप (41 विकेट) और हार्दिक पांड्या-कुलदीप (34 विकेट) इसके बाद हैं।
युजवेंद्र ने 37 मैच में 66 विकेट लिए तो कुलदीप ने 77 – युजवेंद्र चहल के वनडे क्रिकेट में आने के बाद से कम से कम 66 विकेट लेने वाले अन्य गेंदबाज अफगानिस्तान के राशिद खान (45 मैच में 107), इंग्लैंड के आदिल रशीद (53 मैच में 92), पाकिस्तान के हसन अली (44 मैच में 77), जसप्रीत बुमराह (43 मैच में 76), न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट (41 मैच में 72) और इंग्लैंड के लियम प्लंकैट (40 मैच में 70) हैं – जरा इन सभी के मैच की गिनती पर तो ध्यान दीजिए और तब पता लगेगा युजवेंद्र और कुलदीप के असर का।
भारत के वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट रिकॉर्ड में स्पिन जोड़ी का प्रदर्शन देखें तो युजवेंद्र-कुलदीप के 24 पारी में 43 से ज्यादा विकेट सिर्फ सुनील जोशी-अनिल कुंबले (42 पारी में 50), हरभजन-कुंबले (46 पारी में 51), कुंबले-राजू (32 पारी में 55), हरभजन-सहवाग (93 पारी में 62), हरभजन-युवराज (101 पारी में 81), अश्विन-जडेजा (84 पारी में 90) और कुंबले-तेंदुल्कर (167 पारी में 101) के नाम हैं। अगर 40 विकेट का योग्यता स्तर तय कर दो अच्छी जोड़ियों में मनिंदर सिंह-रवि शास्त्री (45 पारी में 41) और अश्विन-रैना (56 पारी में 40) को भी शामिल कर लें इस चर्चा में तो सोचिए कि जब युजवेंद्र-कुलदीप जोड़ी में इनके बराबर पारी में साथ-साथ गेंदबाजी कर लेंगे तो इनके विकेट का रिकॉर्ड क्या होगा? गेंदबाजी के रिकॉर्ड में इन सभी जोड़ियों में से बेहतर औसत (22.44) और बेहतर स्ट्राइक रेट (24.72) युजवेंद्र-कुलदीप का है जबकि सबसे कम ओवर (6 गेंद वाले 177.1) फैंके। और क्या साबित करना है।
कुलदीप ने ठीक कहा- ‘हम दोनों सिर्फ अपने विकेट की नहीं, एक-दूसरे के लिए भी विकेट की भूमिका बनाते हैं।’